Yug Purush

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8TH SEMESTER ! भाग-33 ( आकर्षण & प्रतिकर्षण )

"बस बोल दिया ना निकल.... तो बस निकल..."

"गौतम रिलैक्स ....तुम्हे हर किसी से भी कैसे लड़ सकते हो ,कुछ तो स्टॅंडर्ड रक्खो अपना..."गौतम को शांत करते हुए ऐश बोली....

"तुमने सही कहा एश, किसी भी ऐसे कैसे के तो मुँह  भी नही लगना चाहिए और तुम यहाँ क्या कर रही हो ."

"नॉमिनेशन फॉर्म "

"ये सब इन जैसो के लिए है, तुम सीधे खुराना अंकल का नाम लेकर अंदर जा सकती थी...."

लड़ने के मूड मे तो मैं भी था लेकिन लाइन तेज़ी से आगे बढ़ रही थी इसलिए मुझे आगे जाना पड़ा और वैसे भी सिदार ने कंट्रोल मे रहने के लिए कहा था. इसलिए मै चुप चाप लाइन मे आगे आगे बढ़ गया.... अंदर से फॉर्म लिया और जब फॉर्म लेकर बाहर निकला तो गौतम और ऐश वही किनारे पर खड़े बात कर रहे थे , कुछ पल के लिए मैं वही खड़ा उन दोनो को एक साथ देखकर अपना कलेजा जलाता रहा और जब ये असहनिय होने लगा  तो मैने वहाँ से जाना ही बेहतर समझा.......

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"बाहर....... बाहर.... बिल्कुल बाहर,..."दंमो रानी ने मेरे~  मे आइ कम इन, मैम ~ कहने से पहले ही क्लास के अंदर से गला फाड़ कर चिल्लायी

"मैम , फॉर्म लेने गया था, आज लास्ट डेट था, नॉमिनेशन का .."अपने हाथ मे रखा फॉर्म लहराते हुए मैने दम्मो रानी को दिखाया

"तो मैं क्या करूँ...ऐसे करोगे तो कैसे चलेगा..."

"लास्ट टाइम मैम , सॉरी..."

"Okkkk..... कम इन..."

"थॅंक यू मैम "

"नेक्स्ट वीक से तुम लोगो का फर्स्ट क्लास टेस्ट है..."


मैं अभी अपनी सीट पर आकर ढंग से बैठ भी नही पाया था कि दंमो रानी ने कहा,  जिसे सुनकर मैं चौक गया.... साला यहाँ कुछ पढ़ा तक नही और इधर टेस्ट चलु होने वाला है.. फिर एग्जाम... ऐसे मे तो फेल हो जाऊंगा यार...

"बाकी टीचर्स तो बताते भी नही,लेकिन मैं बता दे रही हूँ, मुझे मेरे सब्जेक्ट मे 20 आउट ऑफ 20 चाहिए, मुझे हर एक से... ."

"यस मैम ..."सिर्फ़ दो लोगो को छोड़कर ,सबने ये कहा.... एक तो यक़ीनन मैं था और दूसरा कोई और नही बल्कि  मेरा खास दोस्त था....

"क्या बोलता है, आ जाएँगे तेरे 20..."मेरे बैठते ही अरुण मुझसे पूछा

"मुझे तो टॉपिक तक नही पता कि ये पढ़ा क्या रही है और टेस्ट मे क्या देगी..."

"साली गला काट के रख देगी और बोलेगी ऐसे करोगे तो कैसे चलेगा..."

"कुछ ही दिन तो हुए है कॉलेज आए हुए और अभी से टेस्ट"बोर्ड पर जो टॉपिक लिखा हुआ था उसे अपनी कॉपी मे उतारते हुए मैने कहा....

"टेंशन मत ले, सब एक रात मे निपटा लेंगे..."

"अब तो यही करना पड़ेगा...."

उस दिन जितने भी टीचर आए सबने यही कहा की नेक्स्ट वीक टेस्ट है और केवल मैं ही तुम लोग को ये बता रहा/रही हूँ, बाकी टीचर्स तो बताना ही नही चाहते....रिसेस मे भूख लगी तो मैं और अरुण कैंटीन  की तरफ बढ़ चले ये जानते हुए भी की वहाँ सिटी मे रहने वाले सीनियर्स की अच्छी  ख़ासी भीड़ हो सकती है.. यही तो अड्डा है उनका..... पर क्या है, अब सीनियर्स का डर ख़त्म हो चुका था.. इनफैक्ट, मुझे तो ये लगने लगा था की अब सीनियर्स मुझे देख के डरते होंगे...


"यदि कुछ लफडा हुआ तो..."कैंटीन  मे घुसते ही मैने अरुण से कहा"हॉस्टल  वाले सीनियर का नंबर है ना तेरे पास..."

"हां है ना डर मत...."एक टेबल पर जाकर मैं और अरुण बैठ गये ,

"वो देख तेरे सपनो की रानी अपने सपनो के राजा के साथ उस टेबल पर बैठ कर फॅमिली प्लॅनिंग कर रही है..."

"कौन एश..."

"हां बे,..."

मैने पीछे मुड़कर देखा, सच मे ऐश वहाँ थी लेकिन उसके साथ मे गौतम भी था,...

"वो इधर ही आ रहा है..."जब मैं सामने मुड़कर अपना पेट भरने लगा ,तब अरुण ने कहा"चल भाग लेते है,वरना साला बहुत मारेगा..."

"अबे रुक, कहीं मत जा..."मैने अरुण का हाथ पकड़ लिया और तब तक गौतम भी जिस टेबल पर हम बैठे थे वहाँ आ गया....


गौतम हमारे पास आया और एक चेयर खींचकर उस पर बैठ गया, गौतम के बैठने के बाद मेरी नज़र सबसे पहले ऐश पर गयी, मैं देखना चाहता था कि ऐश का रियेक्शन क्या होता है और मैने देखा कि गौतम की इस हरकत से वो परेशान थी, वो अपने दांतो से होंठो को दबा रही थी, उसकी आँखो मे परेशानी का वही सबब था, जिसका मैं दीवाना था.  अपने ख़यालात मे मैं अपनी जगह से उठा और ऐश के होंठो पर किस करके बोला कि"डॉन'ट वरी , एवरीथिंग इस ओके...  आई  विल हैंडल इट..."

काश की वो मेरे लिए भी ऐसी नर्वस रहती, काश की वो भी मुझसे इतना  प्यार करती, जितना वो गौतम से करती थी. काश की ये सब सच होता........

"उधर क्या देख रहा है, इधर देख..."गौतम ने मेरा सर पकड़ कर अपनी तरफ किया"क्या नाम बताया था तूने अपना..."

"यही सवाल जाकर अपने गुरु वरुण से कर, वो अच्छे से मेरा नाम डिस्क्रिप्षन के साथ  बताएगा...."

"तू कॉलेज के बाहर भले ही हॉस्टल  वालो को लेकर किसी को भी पिटवा सकता है, लेकिन ये कॉलेज है,..."कैंटीन  के बाकी स्टूडेंट्स की तरफ इशारा करते हुए गौतम मुझसे बोला"ये सब जो बैठे है ना.... ये तुझे तब से घूर रहे है,जब से तू यहाँ आया है..."

"तुम लोग सिर्फ़ घूर सकते हो, जो करना है वो तो मैं ही करूँगा. यदि तुम मे से किसी ने हाथ भी लगाया तो एक-एक को ले जा.. ले जा कर उसी ग्राउंड मे मारूँगा,जहाँ वरुण और उसके दोस्तो को मारा था और फिर उनकी गर्लफ्रेंड को बुलाकर A Walk to the Jungle  करूँगा, फिर जंगल मे मंगल"

"तो तू  ये कहना चाहता है कि तू पहले मुझे मारेगा और फिर ऐश के साथ जंगल मे मंगल..."

तब तक अरुण भी फॉर्म मे आ गया उसने गौतम की तरफ ताव से देखा और बोला"हमारे हॉस्टल  मे कुछ गे टाइप लौन्डे भी है,जो तेरे साथ भी जंगल मे मंगल करेंगे, समझा.... अपने गाल पर पड़ा झापड़ भूल गया क्या..? या मै फिर से याद दिलाऊं "

"आ जाओ, मुर्गा फँस गया है...बस हलाल करने की देरी है..."गौतम ने वहाँ बैठे हुए सीनियर स्टूडेंट्स की तरफ इशारा करते हुए कहा और उसका इशारा पाकर ही 10-15 लौन्डो ने उस टेबल को घेर लिया जहाँ पर इस वक़्त हम तीनो बैठे थे....

"ऐश को यहाँ से भेज दे..."मैने कहा

"क्यूँ? लड़कियो के सामने मार खाने से डरता है... और साले ईशा को ऐश बोलने की तेरी हिम्मत कैसे हुई "गौतम चिल्ला कर बोला...

मैने देखा कि कैंटीन  का गेट गौतम के इशारे पर पहले ही बंद हो गया था और कॉलेज की मेन बिल्डिंग से कैंटीन अटैच भी नही था,इसलिए कॉलेज स्टाफ वहाँ देर से ही आता, इतने सारे लड़को को अपने पास देखकर कोई भी घबरा उठे, मैं भी डर गया...लेकिन गौतम से मैं ऐसे बात कर रहा था जैसे मुझे कोई फरक ही ना पड़ रहा हो....

"गौतम,..ये सब बंद करो..."बात बढ़ती हुई देखकर ऐश वहाँ आई .

"ईशा... बेबी.... तुम कान मे हेडफोन लगाकर बैठ जाओ,..."

"पर गौतम..."

"ईशा... जाओ..."

ऐश के वहाँ से जाने के बाद गौतम ने टेबल पर अपने दोनो पैर पसारे और मुझसे बोला


"कुछ दिन पहले का एक इन्सिडेंट बताता हूँ तुझे...एक तेरी तरह ही बकलोल  लौंडा था, सिटी बस मे मैने उसका बाल पकड़ कर चलती बस से नीचे फेक दिया, उसे तो मैने कोई मौका नही दिया,लेकिन तुझे एक मौका देता हूँ, मुझे सॉरी बोल और चुप चाप मेरा पैर छूकर  यहाँ से निकल जा....वरना..."

"वरना..."

"वरना उससे भी बुरा हाल करूँगा तेरा..."एकदम से सीधे बैठकर उसने कहा...

पहले सोचा कि सॉरी बोलकर बात को यही ख़तम कर दूं, पर सॉरी बोलने का मन नही किया  और गौतम से बोला....


"तूने मुझे एक इंसिडेंट बताया ना...? अब मै भी तुझे एक इंसिडेंट बताता हूँ... जब मैं 9th क्लास मे था तो 11th क्लास के एक लड़के ने मुझे बहुत मारा था और वो पूरा साल मैने इसी जुगाड़ मे निकाल दिया कि उसे कैसे मारू और 10th मे आकर जानता है मैने क्या किया उस लड़के को..."

"क्या..?"

"जान से मार दिया उसको, जिस चाकू को उसके पेट मे घुसाया था वो लड़ते वक़्त मेरे हाथ मे लग गया था,जिसका निशान अभी तक है..."मैने अपना शर्ट पीछे किया और साइकल से गिरने का जो निशान था उसे दिखाते हुए बोला"लगता है ऐसा एक और निशान जल्द ही मुझे लगने वाला है और तुझे मालूम नही होगा पर मैने कैंटीन  मे घुसने से पहले ही सिदार को मेसेज कर दिया था कि मैं कैंटीन  मे हूँ, तो उस हिसाब से अगले 5 मिनट. मे पूरे हॉस्टल  वाले लड़के यहाँ आ जाएँगे,तुम लोग हम दोनो को सिर्फ़ 5 मिनट मार सकते हो, लेकिन उसके बाद मैं तुम सबको ग्राउंड पर लेजा कर इतनी बुरी तरीके से मारूंगा ना की.. बॉडी मे जितने भी छेद है.. हर जगह से खून निकलेगा...."

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5 Comments

Kaushalya Rani

26-Nov-2021 06:33 PM

Nice

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Barsha🖤👑

26-Nov-2021 05:36 PM

ओ गॉड, बहुत ही रोमांचक

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Miss Lipsa

30-Aug-2021 08:40 AM

Superr

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